वीर सावरकर का कहना है कि जीवन में बड़ा सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि व्यक्ति को अपने लक्ष्यों के प्रति पूरी श्रद्धा रखनी चाहिए. वे आजादी के लिए संघर्ष करने वाले एक प्रमुख क्रांतिकारी थे और उनका योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण रहा है.
वीर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को महाराष्ट्र के नसिक में हुआ था. उनके पिता का नाम दामोदर रामजी सावरकर था जो एक वकील थे. उनका बचपन से ही देशभक्ति के प्रति उत्साह था. वीर सावरकर ने अपने जीवन में बहुत से कठिनाईयों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी.
उनका जीवन राष्ट्रीयता के प्रति समर्पित रहा. वे हिंदू महासभा के प्रमुख भी रहे और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता भी बने. उनके विचारों में भारतीय समाज को आत्मनिर्भर और स्वतंत्र बनाने की भावना थी.
वीर सावरकर को उनके क्रांतिकारी गतिविधियों के कारण कई बार दारुण सजा दी गई. उन्हें 1909 में लंदन में गिरफ्तार किया गया और उन्हें भारत लाने के बाद काला पानी के तहत अनेक सालों तक कठोर कैद की सजा दी गई. इसके बाद भी, उन्हें स्वतंत्रता संग्राम के समर्थकों के साथ जुड़े रहने के लिए निगरानी की गई, जिसमें उन्हें निरंतर परेशानियों का सामना करना पड़ा. वे अपने विचारों के लिए सजा सहने के बावजूद अपने सिद्धांतों पर पक्षपात नहीं किया और संघर्ष जारी रखा.