2024 में होली 25 मार्च फाल्गुन शुक्ल प्रतिपदा तिथि के दिन मनाई जाएगी.
होली का त्यौहार रंगो और खुशियो का त्यौहार है इस दिन लोग आपस में सारे मतभेद भूलकर एक दूसरे को गले लगाकर रंग लगाते हैं.
मथुरा और बृज में होली की धूम सप्ताह भर पहले से ही देखने को मिलती है. ब्रज में तो होली का पर्व वसंत पंचमी से शुरू हो जाता है जोकि 40 दिनों तक यानी होली चलता है. यहां की फूलों वाली होली, रंगों वाली होली, लड्डू होली, छड़ीमार होली और लट्ठमार होली खूब प्रचलित है.
बरसाना में 17 मार्च को लड्डू होली खेली जाएगी. इसमें महिलाएं और पुरुष एक दूसरे पर लड्डू फेंकते हुए होली खेलते हैं.
फाल्गुन की नवमी तिथि के दिन बरसाना में लट्ठमार होली खेली जाएगी. इस साल यह कार्यक्रम 18 मार्च को होगा. इसमें महिलाएं पुरुषों यानी हुरियारों पर लट्ठ बरसाती हैं और हुरियारे ढाल से अपनी रक्षा करते है.कृष्ण की जन्म नगरी नंदगांव में 19 मार्च को लट्ठमार होली खेली जाएगी.
गोकुल में छड़ीमार होली खेलने की परंपरा है, जोकि 21 मार्च को खेली जाएगी. इसमें महिलाएं पुरुषों को रंग लगाने पर छड़ी से पीटती हैं. इसके साथ ही मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि पर सांस्कृतिक कार्यक्रम मनाए जाते हैं. कार्यक्रम के पहले दिन यहां पर गुलाल उड़ाया जाता है. इसके बाद यहां की गली-गली में गुलाल बिखरा हुआ पाया जाता है. इस साल यह कार्यक्रम 25 मार्च को होगा. इसके बाद यहां पर छड़ी मार होली खेली जाती है. यह गोकुल की प्रसिद्ध होली है.
ब्रज में 25 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा और होली भी खेली जाएगी. वहीं अधिकांश जगहों पर होलिका दहन होगा. यहां के फालेन गांव में महा होलिका दहन किया जाता है. होली खेलने वाले लोग यहां पर नंगे पांव पहुंचते हैं और होली खेलते हैं. इसके बाद, मथुरा के द्वारकाधीश मंदिर की झांकी निकलती है. यह मथुरा की गली-गली में घूमाते हैं.के बाद दुल्हंडी मनाई जाएगी. इसमें नंदगांव में दाऊजी का हुरंगा होली खेली जाती है. इस दिन नंदगांव में महिलाएं और पुरुष एक साथ होली खेलते हैं. मथुरा में भी रंग पंचमी को होली का समापन हो जाता है. रंग पंचमी के दिन ब्रज की होली का समापन होगा.
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