ध्यान की शक्ति Power of meditation:-जीवन में प्रार्थना और ध्यान दोनों ही अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. प्रार्थना में भगवान हमें सुनते हैं और ध्यान में हम भगवान की सुनते हैं. यह कहानी है दो दोस्तों की, जो एक दूसरे के साथ एक शर्त लगाते हैं कि उनमें से किसी एक को घर में बंद होना होगा, न तो उसे मोबाइल का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी और न ही टेलीविजन होगा, यानी मनोरंजन का कोई साधन नहीं होगा, बस ज़रूरत की चीज़ें उस तक पहुंचाई जाएंगी, जैसे कि खाना हमारी आवश्यकता है तो खाना दिया जाएगा, और उसको घर की छत पर भी नहीं जाना होगा. दूसरे ने कहा, “ठीक है, मैं तैयार हूँ ये मानने के लिए, तो तुम मुझे क्या दोगे?” पहला बोला, “मैं तुम्हें 10 लाख रुपये दूँगा, लेकिन तुम्हें इसके नियमों का पालन करना होगा. अगर तुमने फॉलो नहीं किया तो तुम घर के अंदर से बेल बजा सकते हो, बाहर से हम घर खोल देंगे, लेकिन उसके बाद फिर तुम्हें मुझे10 लाख देने होंगे।” शर्त के लिए लड़का तैयार हो गया, उसके पास कोई मनोरंजन का साधन नहीं था.
उसने 10 दिन पूरे किए फिर अचानक एक दिन वह रूम की दीवार पर मुक्के मारने लगा, गालियां देने लगा. फ्रस्टेट होने लगा. उसको समझ में आया कि ये मैंने क्या कर लिया. उसके मन में कई बार आया कि वह इस शर्त को तोड़ दे लेकिन फिर 10 लाख रुपये की बात याद आती, तो वह रुक जाता. क्योंकि शर्त टूटने के बाद उसको उसकी हारने पर दूसरे लड़के को 10 लाख रुपये देने थे. इसलिए वह चुप रह जाता. भोजन उसको समय से मिल जाता था.
जब उसने सोचा कि उसको ऐसे ही समय कटना है तो उसने 1 दिन शांत बैठ और आंखें बंद कर करके ध्यान लगाना शुरू किया, तो उसको जीवन का सार समझ आ गया. उस दिन उसको समझ में आया कि ये शर्त सही है जो उसको खुद से मिला रही है और तब उसने दीवार पर मुक्के मारना भी बंद कर दिया था. बस, जब भी उसको लगता कि वह बोर हो रहा है तो ध्यान में बैठ जाता था, असीम शांति का अनुभव करता था. 1 साल ख़तम होने को आ गया था, 2 दिन पहले ही उसके दोस्त को लग गया कि वह ये शर्त जीत जाएगा और मेरा कारोबार डूब रहा था. वह दीवालिया हो रहा था. उसको लगा मैं कहां से 10 लाख रुपये दे पाऊंगा. तो वह एक गन लेकर अपने दोस्त को मारने के लिए उस घर की तरफ बढ़ता है, तो देखता है कि घर का दरवाजा खुला हुआ था और वहाँ 1 पत्र पड़ा हुआ था, जब लड़के ने यह उठाया और पढ़ा तो उसने लिखा था कि मुझे पता लग गया था कि तुम्हारे पास 10 लाख रुपये नहीं हैं, इसलिए मैंने खुद ही शर्त हार ली, तो तुम्हें मुझे पैसे देने की कोई जरूरत नहीं है.
मैंने अंदर रहकर महसूस किया कि आप खुद से मिल सकते हैं, अपनी ताकत को बढ़ा सकते हैं. ध्यान के जरिए आप असीम शांति का अनुभव कर सकते हैं. यह कहानी हमें बताती है कि खुद के लिए समय निकालकर अपनी आंतरिक शांति तलाश जा सकती है.
आप महसूस करेंगे ऐसा करके यह आपकी शक्ति को दोगुना चारगुना कर देगा.