HomeकहानीBhagwaan ki marji! भगवान की मर्ज़ी

Bhagwaan ki marji! भगवान की मर्ज़ी

विश्वास किसपे करें:- इस कहानी के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि हमें ऊपर वाले के हर फैसले को स्वीकार करना चाहिए. जो होता है अच्छे के लिए होता है.

एक छोटे से सेल्समैन की कहानी:  दो-तीन साल से एक कंपनी में काम करने वाले इस सेल्समैन के लिए जो कुछ भी होता, उसने ऊपरवालों का धन्यवाद जरूर किया. जब उसकी नौकरी लग गई, तो भी उसने ऊपरवालों का शुक्रिया अदा किया. घर से निकलते समय और घर लौटते समय भी Bhagwan का धन्यवाद किया करता था. वह एक धार्मिक आदमी था. लेकिन जब भी कुछ ग़लत होता, तो उसे लगता था कि पता नहीं, Bhagwaan क्या चाहते हैं. जब वह अपनी कंपनी में काम कर रहा था, तो उसकी सैलरी बढ़ नहीं रही थी, तो उसने सोचा कि मैं कहीं और भी ट्राई करता हूँ, एक जगह इंटरव्यू की बात पक्की हो गई. तारीख आने को ही थी, आखिर वह दिन भी आया. जब वह बहुत खुश था कि आखिरकार अब इस कंपनी से पिछा छूटेगा, तो उसने जल्दी उठने के लिए अलार्म लगाया, लेकिन अलार्म बंद हो गया. उसकी आँख खुली, साड़े 7 बजे वह लेट हो रहा था. उसने बाइक चलाने की कोशिश की, लेकिन बाइक स्टार्ट नहीं हुई.  उसको छोड़कर वह सड़क पर निकला और अपनी ऑफिस पहुंचा. उसको इंतजार था कि कब मुझे कॉल आए और मैं कब इस कंपनी से पिछा छोड़ूं. लंच टाइम हो गया, लेकिन अभी तक वहाँ से कोई कॉल उसको नहीं आया. जल्दी करने से वह अब वह टिफिन भी घर पर ही भूल गया था, जैसे ही कैंटीन पहुंचा, वहां भी ताला लगा हुआ था. अब ये सोचने लगा कि आज दिन कैसा जा रहा है, आज दिन खराब है. जब इसने ऑनलाइन एक सैंडविच ऑर्डर किया, तो वह भी अच्छा नहीं आया. आधा खा कर उसने उसे फेंक दिया. ये सोचने लगा कि आज क्या हो रहा है, मैं सही से खाना भी नहीं खा पाया.

शाम होते होते जिस कॉल का इसने सुबह से वेट किया था, वही कॉल आया. फोन पे फाइनल इंटरव्यू जो इसका होना था, वो चल रहा था कि तभी फोन बीच में डिस्कनेक्ट हुआ और देखा तो फोन बंद हो गया था. फोन की बैटरी खत्म हो गई थी. जब शाम में घर पहुंचा, तो बिजली चली गई. अब इसका दिमाग खराब हो चुका था कि आज का दिन कैसा जा रहा है. उसकी नींद लग गई और सपने में भी वह भगवान से बात कर रहा था. Bhagwaan ने कहा, “जो कुछ भी हुआ मेरी मर्ज़ी से हुआ,  मैंने ही तेरा अलार्म बजने का तुझे पता नहीं लगने दिया, तेरी बाइक खराब की ताकि तू उस पे न जाए, अगर तू आज बाइक से जाता तो तेरा एक्सीडेंट हो जाता. कैंटीन बंद की ताकि तू आज वहां का खाना न खा पाए क्योंकि खाना ख़राब हो चूका था और तू उसे खाकर बीमार हो जाता. उसने अपना काम नहीं किया था. यहाँ तक कि तेरा फ़ोन भी मैंने बंद करवा दिया, क्योंकि वह धोखेबाज़ लोग थे. लोगो को नौकरी के नाम पे ठगते है. फिर अंत मे “Bhagwaan ने कहा, “तू मेरा भक्त है, इसलिए मैं तुझे सच्चाई बता रहा हूँ. ज़िन्दगी में कभी तेरा बुरा नहीं होने दूंगा.” जब उसकी आँख खुली, तो उसने फिर Bhagwaan का धन्यवाद किया.

Bhagwaan पे भरोसा करे और यह विश्वास रखे कि वो कभी हमारे लिए गलत नहीं करेंगे. Bhagwaan के फैसले पे कभी नाराज मत होना. Bhagwaan हमारे लिए वो नही करते जो हमे अच्छा लगता है बल्कि वो करते है जो हमारे लिए अच्छा होता है.

 

Apni kismat ko chamkaye kaise….

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